बीकानेर26 मिनट पहले
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शिक्षा विभागीय पंजीयक कार्यालय ही डीएलएड पाठ्यक्रम संचालित करता है।
प्रदेशभर में ढाई सौ से ज्यादा डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एज्यूकेशन (डीएलएड) कॉलेज है लेकिन अधिकांश प्राइवेट हैं। ऐसे में अब बीकानेर और अजमेर में दो नए डीएलएड कॉलेज सरकारी टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज में शुरू करने की योजना बन रही है। इसके लिए राज्य सरकार ने स्वीकृति दे दी है लेकिन राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद् से मान्यता लेने की प्रक्रिया होनी है। ऐसे में अगले सत्र में सरकारी डीएलएड कॉलेज अस्तित्व में आ जाएंगे।
कभी बीएसटीसी के रूप में विख्यात रहे इस पाठ्यक्रम को अब डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एज्यूकेशन (डीएलएड) कहा जाता है। बीकानेर के प्रारम्भिक शिक्षा निदेशालय के अधीन शिक्षा विभागीय पंजीयक कार्यालय इसके लिए प्री एग्जाम लेता है। इसी आधार पर राज्यभर के डीएलएड कॉलेज में एडमिशन होता है। वर्तमान में अधिकांश डीएलएड कॉलेज प्राइवेट है, जहां स्टूडेंट्स को पूरे पाठ्यक्रम में पचास हजार रुपए से अधिक की राशि खर्च करनी पड़ती है। इस बीच प्रदेश के दो टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज बीकानेर और अजमेर में भी इस पाठ्यक्रम को शुरू करने की डिमांड उठी थी। जिसे पिछले दिनों शिक्षा मंत्री डॉ. बी.डी.कल्ला ने स्वीकृति दे दी।
वर्तमान में बीकानेर और अजमेर में ही टीचर्स ट्रेनिंग के सरकारी कॉलेज है, अब यहां डीएलएड हो सकेगी।दोनों कॉलेज अपने स्तर पर राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE) से मान्यता के लिए आवेदन करेंगे। चूंकि दोनों के पास कॉलेज के रूप में बड़ा परिसर है, ऐसे में मान्यता में कोई परेशानी नहीं होगी। विभाग के पास डीएलएड कॉलेज के प्रिंसिपल और लेक्चरर के लिए भी लंबा-चौड़ा स्टॉफ पहले से उपलब्ध है। उम्मीद की जा रही है कि दोनों कॉलेज में सौ-सौ सीट अगले सत्र में मिल जाएगी। सरकारी होने के कारण यहां फीस भी बहुत कम होगी।